मंदिर मै आते अक्षर चार मज्जिद मै आते अक्षर चार ।
क्यों दंगा करते हो हिन्दू मुस्लिम करो आपस मै प्यार।
ह से हिन्दू आता है म से मुस्लिम आता है ।
ह और म मिला दो तो हम आ जाता है।
मंदिर मे मै करता हु इबादत मज्जिद मे मै करता हूँ पूजा।
मुझ जैसा सर्वधर्म मानने वाला अजि ढूंड लीजिये अब कोई दूजा ।
मत कहो की कोई हिन्दू है या कोई है मुसलमान ।
गर्व करो की दोनों की रगों मै बस्ता है हिन्दुस्तान।
तो आज से बंद करो दंगा और फसाद और देकर ,
मुझको दाद एक बात सुनो जो नेक है ।
इश्वर अल्लाह अलग अलग नहीं है वो तो एक है।
बस एक है जी एक है हा एक ही है।
- अमन अग्रवाल "मारवाड़ी"
क्यों दंगा करते हो हिन्दू मुस्लिम करो आपस मै प्यार।
ह से हिन्दू आता है म से मुस्लिम आता है ।
ह और म मिला दो तो हम आ जाता है।
मंदिर मे मै करता हु इबादत मज्जिद मे मै करता हूँ पूजा।
मुझ जैसा सर्वधर्म मानने वाला अजि ढूंड लीजिये अब कोई दूजा ।
मत कहो की कोई हिन्दू है या कोई है मुसलमान ।
गर्व करो की दोनों की रगों मै बस्ता है हिन्दुस्तान।
तो आज से बंद करो दंगा और फसाद और देकर ,
मुझको दाद एक बात सुनो जो नेक है ।
इश्वर अल्लाह अलग अलग नहीं है वो तो एक है।
बस एक है जी एक है हा एक ही है।
- अमन अग्रवाल "मारवाड़ी"
mast likha hai aman bhai
जवाब देंहटाएं